उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण कम होने लगा है। बुधवार को प्रदेश में 85 नए संक्रमित मिले। वहीं, तीन मरीजों की मौत हुई है। कुल संक्रमितों की संख्या 95826 हो गई है, जबकि एक्टिव केस भी 1500 से कम हो गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को 8989 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में 44, हरिद्वार में 11, नैनीताल में 20, ऊधमसिंह नगर में छह, बागेश्वर और चंपावत में एक-एक और पिथौरागढ़ जिले में दो संक्रमित मिले हैं। वहीं, चमोली, टिहरी, रुदप्रयाग, अल्मोड़ा, पौड़ी और उत्तरकाशी जिले में कोई संक्रमित नहीं मिला है।
यह भी पढ़ें: Coronavirus in Uttarakhand : मंगलवार को सिर्फ 39 संक्रमित मरीज मिले, एक मरीज की हुई मौत
प्रदेश में अब तक 1639 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं बुधवार को 96 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिलाकर 91419 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि वर्तमान में 1439 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है।
कोरोना संक्रमण रोकने में देश में पांचवें स्थान पर आ सकता है उत्तराखंड
कोरोना संक्रमितों के कम होते मामलों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका श्रेय टीमवर्क को दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पुलिस, आंगनबाड़ी, डाक्टरों ने बहुत अच्छा काम किया। उसका परिणाम है कि अभी तक उत्तराखंड कोरोना संक्रमण रोकने में देश के छह सबसे बेहतर राज्यों में शुमार है।
अब उत्तराखंड पांचवे स्थान पर आ सकता है। उन्होंने जनता को भी इसका श्रेय दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोग अनुशासित हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने विशेषज्ञों की राय पर जो भी दिशा-निर्देश दिए, उन्होंने उसका पालन किया। आपसी समन्वय और समझदारी से कोरोना को नियंत्रित हुआ।
हरिद्वार व्यापार मंडल ज्वालापुर और जिला प्रशासन की ओर से आम लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। नगर मजिस्ट्रेट जगदीश लाल ने अभियान का शुभारंभ किया।
सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोरोनाकाल से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से अभियान चलाए जा रहे हैं। कुंभ क्षेत्र में कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी लिखे पोस्टर प्रत्येक दुकान और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जा रहे हैं।
शहर अध्यक्ष विपिन गुप्ता और शहर महामंत्री विक्की तनेजा ने कहा कि व्यापार मंडल पिछले 10 माह से प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोविड महामारी बचाव के लिए कार्य कर रहा है।
होम्योपैथिक विभाग ने कोविड महामारी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया। जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्व. मुकेश भारती की पत्नी रीता रानी व उनके पिता डीआर भारती को कोरोना योद्धा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुकेश भारती की विगत वर्ष कोरोना ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी।
इनके अलावा निदेशक होम्योपैथिक डॉ. आनंद बल्लभ भट्ट ने कर्मचारियों को कोरोना योद्धा सम्मान पत्र दिए। जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएल फिरमाल ने कहा कि होम्योपैथिक डॉक्टरों, फार्मेसिस्टों व बहुद्देेशीय कर्मचारियों ने कोविड महामारी के दौरान लगातार सैंपल कलेक्शन, क्वारंटीन सेंटरों में सेवाएं दी हैं।
इस दौरान संयुक्त निदेशक डॉ. आनंद शरण उनियाल, रजिस्ट्रार होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड बोर्ड डॉ. शैलेंद्र पांडेय, चिकित्सा अधिकारी डॉ. एक्यू अंसारी, डॉ विनोद शर्मा, डॉ. सतीश पिंगल, डॉ. सोहन सिंह बुटोला आदि उपस्थित थे।
पिछले 10 महीने से कोरोना मरीजों के लिए समर्पित दून अस्पताल में फरवरी से सामान्य मरीजों को भी भर्ती किया जाएगा। कोरोना संक्रमण की संवेदशीलता को देखते हुए अभी छोटे बच्चों को भर्ती नहीं किया जाएगा।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब कोरोना के सिर्फ 24-25 मरीज ही भर्ती हैं। कोरोना जनरल वार्ड और कोरोना आईसीयू वार्ड को पूरी तरह से अलग किया जा रहा है। संक्रमण के कम होते मामलों को देखते हुए अब सामान्य मरीजों को भी अस्पताल में उपचार दिया जाना शुरू किया जाने लगा है।
इसी क्रम में पहले चरण में राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में ओपीडी शुरू कर दी गई है। अब दूसरे चरण में सामान्य मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं। फरवरी के पहले सप्ताह में दून अस्पताल में सामान्य मरीजों को भर्ती करने को लेकर पूरी संभावना है।
हालांकि, अभी छोटे बच्चों को भर्ती नहीं किया जाएगा। कोरोना वार्ड को पूरी तरह से अलग किया जा रहा है। फिर भी एहतियात के तौर पर ऐसा किया जा रहा है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के चलते अस्पताल को सामान्य मरीजों के लिए भी खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो फरवरी से अस्पताल में सामान्य मरीज भी भर्ती किए जाने शुरू कर दिए जाएंगे। इसके बाद विभिन्न तरह के ऑपरेशन भी शुरू हो जाएंगे।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण कम होने लगा है। बुधवार को प्रदेश में 85 नए संक्रमित मिले। वहीं, तीन मरीजों की मौत हुई है। कुल संक्रमितों की संख्या 95826 हो गई है, जबकि एक्टिव केस भी 1500 से कम हो गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को 8989 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, देहरादून जिले में 44, हरिद्वार में 11, नैनीताल में 20, ऊधमसिंह नगर में छह, बागेश्वर और चंपावत में एक-एक और पिथौरागढ़ जिले में दो संक्रमित मिले हैं। वहीं, चमोली, टिहरी, रुदप्रयाग, अल्मोड़ा, पौड़ी और उत्तरकाशी जिले में कोई संक्रमित नहीं मिला है।
यह भी पढ़ें: Coronavirus in Uttarakhand : मंगलवार को सिर्फ 39 संक्रमित मरीज मिले, एक मरीज की हुई मौत
प्रदेश में अब तक 1639 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं बुधवार को 96 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। इन्हें मिलाकर 91419 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि वर्तमान में 1439 सक्रिय मरीजों का उपचार चल रहा है।
कोरोना संक्रमण रोकने में देश में पांचवें स्थान पर आ सकता है उत्तराखंड
कोरोना संक्रमितों के कम होते मामलों पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका श्रेय टीमवर्क को दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पुलिस, आंगनबाड़ी, डाक्टरों ने बहुत अच्छा काम किया। उसका परिणाम है कि अभी तक उत्तराखंड कोरोना संक्रमण रोकने में देश के छह सबसे बेहतर राज्यों में शुमार है।
अब उत्तराखंड पांचवे स्थान पर आ सकता है। उन्होंने जनता को भी इसका श्रेय दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोग अनुशासित हैं। केंद्र व राज्य सरकार ने विशेषज्ञों की राय पर जो भी दिशा-निर्देश दिए, उन्होंने उसका पालन किया। आपसी समन्वय और समझदारी से कोरोना को नियंत्रित हुआ।
कोरोना के बचाव के लिए चलाया जागरूकता अभियान
हरिद्वार व्यापार मंडल ज्वालापुर और जिला प्रशासन की ओर से आम लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया गया। नगर मजिस्ट्रेट जगदीश लाल ने अभियान का शुभारंभ किया।
सिटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि कोरोनाकाल से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से अभियान चलाए जा रहे हैं। कुंभ क्षेत्र में कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी लिखे पोस्टर प्रत्येक दुकान और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जा रहे हैं।
शहर अध्यक्ष विपिन गुप्ता और शहर महामंत्री विक्की तनेजा ने कहा कि व्यापार मंडल पिछले 10 माह से प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोविड महामारी बचाव के लिए कार्य कर रहा है।
कोविड महामारी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारी सम्मानित
होम्योपैथिक विभाग ने कोविड महामारी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया। जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्व. मुकेश भारती की पत्नी रीता रानी व उनके पिता डीआर भारती को कोरोना योद्धा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुकेश भारती की विगत वर्ष कोरोना ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई थी।
इनके अलावा निदेशक होम्योपैथिक डॉ. आनंद बल्लभ भट्ट ने कर्मचारियों को कोरोना योद्धा सम्मान पत्र दिए। जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेएल फिरमाल ने कहा कि होम्योपैथिक डॉक्टरों, फार्मेसिस्टों व बहुद्देेशीय कर्मचारियों ने कोविड महामारी के दौरान लगातार सैंपल कलेक्शन, क्वारंटीन सेंटरों में सेवाएं दी हैं।
इस दौरान संयुक्त निदेशक डॉ. आनंद शरण उनियाल, रजिस्ट्रार होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड बोर्ड डॉ. शैलेंद्र पांडेय, चिकित्सा अधिकारी डॉ. एक्यू अंसारी, डॉ विनोद शर्मा, डॉ. सतीश पिंगल, डॉ. सोहन सिंह बुटोला आदि उपस्थित थे।
फरवरी से दून अस्पताल में भर्ती हो सकेंगे सामान्य मरीज
पिछले 10 महीने से कोरोना मरीजों के लिए समर्पित दून अस्पताल में फरवरी से सामान्य मरीजों को भी भर्ती किया जाएगा। कोरोना संक्रमण की संवेदशीलता को देखते हुए अभी छोटे बच्चों को भर्ती नहीं किया जाएगा।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब कोरोना के सिर्फ 24-25 मरीज ही भर्ती हैं। कोरोना जनरल वार्ड और कोरोना आईसीयू वार्ड को पूरी तरह से अलग किया जा रहा है। संक्रमण के कम होते मामलों को देखते हुए अब सामान्य मरीजों को भी अस्पताल में उपचार दिया जाना शुरू किया जाने लगा है।
इसी क्रम में पहले चरण में राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में ओपीडी शुरू कर दी गई है। अब दूसरे चरण में सामान्य मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने को लेकर भी तैयारियां जोरों पर हैं। फरवरी के पहले सप्ताह में दून अस्पताल में सामान्य मरीजों को भर्ती करने को लेकर पूरी संभावना है।
हालांकि, अभी छोटे बच्चों को भर्ती नहीं किया जाएगा। कोरोना वार्ड को पूरी तरह से अलग किया जा रहा है। फिर भी एहतियात के तौर पर ऐसा किया जा रहा है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के चलते अस्पताल को सामान्य मरीजों के लिए भी खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो फरवरी से अस्पताल में सामान्य मरीज भी भर्ती किए जाने शुरू कर दिए जाएंगे। इसके बाद विभिन्न तरह के ऑपरेशन भी शुरू हो जाएंगे।